राजा की रानी

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मैं अपने खुले जंगले से देखा करता कि वह धूप से तपे हुए सूखे मैदान के रास्ते से जल्दी-जल्दी कदम रखती हुई मैदान पार हो रही है। इस बात को मैं ...

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